उदयशंकर भट्ट हिंदी के विद्वान सुप्रसिद्ध लेखक व कवि थे। उनका जन्म का जन्म 1898 ई. में इटावा में अपनी ननिहाल में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी वेदों के अध्ययन के साथ हुई। काशी में भी उन्होंने अध्ययन किया, जहां स्व. पं. चन्द्रशेखर शास्त्री ने उन्हें संस्कृत के स्थान पर हिन्दी पढ़ने और हिन्दी लिखने की ओर प्रेरित किया। उन्होंने लिखा है कि भगत सिंह, सुखदेव, यशपाल, भगवतीचरण सबसे उनका सीधा संपर्क रहा। आजादी के बाद भट्टजी आकाशवाणी के परामर्शदाता एवं निर्देशक रहे। नाटक और एकांकी के क्षेत्र में अग्रणी गिने जाने वाले उदयशंकर भट्ट की मृत्यु सन् 1966 को दिल्ली में हुई ।
कृतियाँ
उदयशंकर भट्ट की रचनाएं हैं - तक्षशिला, राका, मानसी, विसर्जन, अमृत और विष, इत्यादि, युगदीप, यथार्थ और कल्पना, विजयपथ, अन्तर्दर्शन : तीन चित्र, मुझमें जो शेष है(काव्य)।
वह जो मैंने देखा, नए मोड़, सागर, लहरें और मनुष्य, लोक-परलोक, शेष-अशेष (उपन्यास)
साहित्य के स्वर (निबंध)।
विक्रमादित्य, दाहर, सगर विजय, कमला, अंतहीन अंत, मुक्तिपथ, शक विजय, नया समाज, पार्वती, विद्रोहिणी अम्बा, विश्वामित्र, मत्स्यगंधा, राधा, अशोक-वन-बन्दिनी, विक्रमोर्वशीय, अश्वत्थामा, गुरु द्रोण का अन्तर्निरीक्षण, नहुष निपात, कालिदास, संत तुलसीदास, एकला चलो रे, क्रांतिकारी, अभिनव एकांकी नाटक, स्त्री का हृदय, आदिम युग, तीन नाटक, धूमशिखा, पर्दे के पीछे, अंधकार और प्रकाश, समस्या का अंत, आज का आदमी (नाट्य-साहित्य) नाटक अम्बा उदयशंकर भट्ट का नाटक अम्बा (डिजीटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया पर)