Last modified on 16 जून 2012, at 12:03

पुतली / अरविन्द श्रीवास्तव

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:03, 16 जून 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द श्रीवास्तव |संग्रह=राजधा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इकट्ठे हो रहे हैं सपने
उम्मीद और कविताएँ
धरती के सारे रंग-रोगन
अक्षर और चित्रकारी
चिड़िया और गुब्बारे
मॉल-सड़कें
नदी-पहाड़
स्त्रियाँ-बच्चे
प्रेम और अवसाद
अदमी और सभ्यताएँ
इकट्ठे हो रहे हैं
आँखों की पुतली में

पुतली का आँगन कितना बड़ा है
और कितने छोटे हैं हम
कि तनिक भी नहीं
सहेज पा रहे इन चीज़ों को