(1)
बहता पानी
सुनाता है सबको
एक कहानी।
(2)
सखी री सुन
दुख यूँ खाए जैसे
गेहूँ को घुन।
(3)
बापू की चिंता
कैसे ब्याहे बिटिया
सर पे कर्जा।
(4)
माटी की गंध
अपने वतन की
खींचे मन को।
(5)
अपना दु:ख
पहाड़ – सा लगता
ग़ैर का बौना।
(6)
किसका डर
संकट में संग हो
तुम अगर।