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आज विदा / अज्ञेय

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आज विदा!
पीड़ा के दिन बीते जाते-कभी प्राण जागेंगे, गाते।
याद मुझे भी तब कर लेना प्रियतम! यदा-कदा!
टूट जाएँ इस जग के बन्धन-एक रहेगा अन्त:स्पन्दन!
स्मृति ही नहीं, बसेंगे मुझ में तेरे प्राण सदा!
पर, आज विदा!

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