Last modified on 8 अगस्त 2012, at 16:22

चातक पिउ बोलो / अज्ञेय

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:22, 8 अगस्त 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चातक पिउ बोलो बोलो!

झम-झम-झम पानी सुन-सुन रात बिहानी
दिग्वधु! घूँघट खोलो खोलो!

नभ खुल-खुल खिल आया भू-पट हरियाया
मन-विहग! पंख तोलो तोलो!

दिल्ली, 10 मई, 1954