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कोई हैं जो / अज्ञेय

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 कोई हैं
जो अतीत में जीते हैं :
भाग्यवान् हैं वे, क्यों कि उन्हें कभी कुछ नहीं होगा।
कोई हैं
जो भविष्य में जीते हैं :
भाग्वान् हैं वे, क्यों कि वे आगे देखते ही चुक जाएँगे।
कोई हैं जो-
पर जो इस खोज में, इस प्रतीक्षा में हैं
कि वर्तमान हो जाए-
वे कहाँ हैं, किस में जीते हैं?
वर्तमान-निरन्तर होता हुआ
क्या वह अपने को पाता है?
या कि घूमता ही जाता है?
और मैं-कहाँ है वह पकड़ कि मैं अस्ति को झँझोड़ लूँ...

8 अक्टूबर, 1970