इन्हें अतीत भी दीखता है
और भवितव्य भी
इस में ये इतने खुश रहते हैं
कि इन्हें यह भी नहीं दीखता!
कि उन्हें सब कुछ दीखता है पर
वर्तमान नहीं दीखता!
दान्ते के लिए यह स्थिति
एक विशेष नरक था
पर ये इसे अपना इतिहास-बोध कहते हैं!
लखनऊ, 14 नवम्बर, 1980