१-तरसते वे
दो बूँद प्रेम वास्ते
पडा अकाल |
२-गर्भ -सुरक्षा
दे सकती हूँ बेटी
बाहर नहीं |
३-किसी मोड़ पे
काश मिल जावें वो
करीब हैं जो |
४-ज़िस्म दुहरा
भूख की आग सह
समझे कौन?
१-तरसते वे
दो बूँद प्रेम वास्ते
पडा अकाल |
२-गर्भ -सुरक्षा
दे सकती हूँ बेटी
बाहर नहीं |
३-किसी मोड़ पे
काश मिल जावें वो
करीब हैं जो |
४-ज़िस्म दुहरा
भूख की आग सह
समझे कौन?