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सम्भाल! / सत्यनारायण सोनी

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मेरा नहीं
मेरे पड़ोसी का वक्तव्य है यह
कुरता पहनते हैं सफेद झक और
दिन में बीस बार सम्भालते हैं कि
कहीं कोई मैल तो नहीं लग गया
क्रीज खराब तो नहीं हुई
जेब भी सम्भालते हैं बीसियों बार
कि गिर तो नहीं गया मोबाइल
सम्भालते हैं कि
पैसे तो ठीक-ठाक मौजूद हैं जेब में और
कार की चाभी भी,
मगर घर में बूढ़े मायत हैं तो
नहीं सम्भालते एक बार भी
और दिन में कई-कई बार खीज कर
कह जरूर देते हैं
कि इन्हें सम्भाल क्यों नहीं लेता ऊपरवाला!

2012