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सुन्दर मन / विमल राजस्थानी

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मन सुन्दर तो सब सुन्दर है

1
विद्या-बुद्धि-ज्ञान-धन-दौलत
तेरे पास विपुल बहुतेरे
लेकिन परम पुरूष तो केवल
मन की सुन्दरता को हेरे
अजर-अमर मन की सुन्दरता
बाकी सब कुछ तो नश्वर है
मन सुन्दर तो सब सुन्दर है

2
मन में जब तक बसे न साईं
मन सुन्दर होगा न हमारा
‘पानी’ ही मोती की कीमत
द्युति हीरे का मात्र सहारा
जिसका मन सुन्दर-सुन्दरतम
उसका जीवन ही सुखकर है
मन सुन्दर तो सब सुन्दर है

3
मन मीठो तो कटु भी मीठा
मन तीता, मधु भी तीता है
जिसका मन वीभत्स, असुन्दर
उसका जीवन-घट रीता है
सुन्दर मन वालों ने ही तो-
जीता यह संसार-समर है
मन सुन्दर तो सब सुन्दर है

4
सुन्दरता वरदान, असुन्दरता-
अभिशाप हुआ करती है
सुन्दरता की श्री-सुषमा ही-
जीवन धन्य किया करती है
सुन्दरता है अमृत, असुन्दरता
कुरूपता जहर-कहर है
मन सुन्दर तो सब सुन्दर है