नवीन सी. चतुर्वेदी
जन्म | 27 अक्तूबर 1968 |
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जन्म स्थान | मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
नवीन सी. चतुर्वेदी / परिचय |
ग़ज़लें
- हवा के साथ उड़ कर भी मिला क्या / नवीन सी. चतुर्वेदी
- मिरी दीवानगी पर वो, हँसा तो / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हो पूरब की या पश्चिमी रौशनी / नवीन सी. चतुर्वेदी
- अगर ये हो कि हर इक दिल में प्यार भर जाये / नवीन सी. चतुर्वेदी
- तवील जंग में शामिल भी टूट सकते हैं / नवीन सी. चतुर्वेदी
- अब आयेगा वो झोंका ताज़गी का / नवीन सी. चतुर्वेदी
- कभी तो राहे-मुहब्बत में ये कमाल दिखे / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हाथ में 'आटा' लिए, जो गुनगुनाये ज़िंदगी / नवीन सी. चतुर्वेदी
- भुला दिया है जो तूने तो कुछ मलाल नहीं / नवीन सी. चतुर्वेदी
- [[सच्ची श्रद्धा व सबूरी की सदारत देखी / नवीन सी. चतुर्वेदी]
- वो जो दिखता है तयशुदा जैसा / नवीन सी. चतुर्वेदी
- वो दर्जे वाले हो गए / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हर जगह बस आप को ही ढूँढती है / नवीन सी. चतुर्वेदी
- मैं वज्ह पूछ ही न सका बेवफ़ाई की / नवीन सी. चतुर्वेदी
- खुद अपनी हक़परस्ती के लिए जो अड़ नहीं सकता / नवीन सी. चतुर्वेदी
- गाँवों से चौपाल, बातों से हँसी गुम हो गई / नवीन सी. चतुर्वेदी
- आदमीयत की वक़ालत कर रहा है आदमी / नवीन सी. चतुर्वेदी
- निभाई यार से यारी, मेरा श'ऊर था वो / नवीन सी. चतुर्वेदी
- मुश्क़िलों का प्रलाप क्या करना / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हाथ में 'आटा' लिए, जो गुनगुनाये ज़िंदगी / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हर इक बीमार को उपचार की नेमत नहीं मिलती / नवीन सी. चतुर्वेदी
- सलीक़ेदार कहन के नशे में चूर था वो / नवीन सी. चतुर्वेदी
- स-हृदय यही स-विनय कहें स-कुशल सभी स-उमंग हों / नवीन सी. चतुर्वेदी
नवगीत और गीत
- लुप्त हों न पलाश / नवीन सी. चतुर्वेदी
- चल चलें इक राह नूतन / नवीन सी. चतुर्वेदी
- हे अज्ञात विधाता तुझे प्रणाम / नवीन सी. चतुर्वेदी
- तुझसे बातें करने तेरे दर पे आया हूँ / नवीन सी. चतुर्वेदी
- तब आई ये पन्द्रह अगस्त / नवीन सी. चतुर्वेदी
- फिर हम क्यों लड़ते रहते हैं ? / नवीन सी. चतुर्वेदी
- प्यारे किस के लिये लिखते हो / नवीन सी. चतुर्वेदी
- बरगद / नवीन सी. चतुर्वेदी
- मैं / नवीन सी. चतुर्वेदी
- कलम के सिपाही - श्री मुंशी प्रेमचंद / नवीन सी. चतुर्वेदी
- मैंने हवा को महसूस किया / नवीन सी. चतुर्वेदी
- ऊँट एक योजनाकार / नवीन सी. चतुर्वेदी
- करवा चौथ / नवीन सी. चतुर्वेदी
छन्द
- संसार उस के साथ है जिस को समय की फ़िक्र है / नवीन सी. चतुर्वेदी
- गरमी की लू जमाती 'लप्पड़' करारा सा / नवीन सी. चतुर्वेदी
- कुण्डलिया है जादुई छन्द श्रेष्ठ श्रीमान / नवीन सी. चतुर्वेदी
- भद्रजनों की रीत नहीं ये संगाकारा / नवीन सी. चतुर्वेदी
- तान दें पताका उच्च हिंद की जहान में / नवीन सी. चतुर्वेदी
- बैरी संशय / नवीन सी. चतुर्वेदी
- छंदों में तो जैसे राजभोग है घनाक्षरी / नवीन सी. चतुर्वेदी