दूसरे दिन
अख़बार के मुखपृष्ठ पर
था सनसनीखेज समाचार
सूरज लापता हो गया
कद : असंख्य किरणों फुट
रंग : सोने-सा तपता हुआ
उम्र : कोई नहीं जानता
अन्तिम बार उसे
बापू की समाधि पर देखा गया था
उस दिन हो रही थी लगातार बरसात
आकाश था बादलों से आच्छन्न
कहीं नहीं था सूरज का नामोनिशान
</poem