जब उम्र कम थी
- काले थे केश और आभा थी
- पर मैं दुबला था बहुत
फिर उम्र बढ़ी
- शरीर गोटाया आँखों को थाह मिली
- पर कहाँ कैसे निबहना आता न था
अब जब उम्र हुई
- जानता हूँ दाँव-पेंच शास्त्र कुल
- पर साथ नहीं देह न थाह न आभा
कभी कच्चा कभी डम्भक कभी पुलपुल ।
जब उम्र कम थी
फिर उम्र बढ़ी
अब जब उम्र हुई
कभी कच्चा कभी डम्भक कभी पुलपुल ।