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अन्वर्थ / अरुण आदित्य

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चित्र बना रही है वह
या चित्र बना रहा है उसे

अभी-अभी भरा है उसने
एक पत्ती में हरा रंग
और एक हरा-भरा उपवन
लहलहाने लगा है उसके मन में

एक तितली के पंख में
भरा है उसने चटख पीला रंग
और पीले फूलों वाली स्वप्न-उपत्यका में
उड़ने लगी है वह स्वयं
उसे उड़ते देख खिल उठा है कैनवास

अब वह भर रही है आसमान में नीला रंग
और कुछ नीले धब्बे
उभर आए हैं उसकी स्मृति में

अब जबकि भरने जा रही है वह
बादल में पानी का रंग
आप समझ सकते हैं
कि उसकी आँखों को देख
सहम-सा क्यों गया है कैनवास