1.
ओस की बूंद
फुल पर सोई जो
धुल में मिली
2.
वो हैं अपने
जैसे देखे हैं मैंने
कुछ सपने
3.
किसको मिला
वफा का दुनिया में
वफा हीं सिला
4.
तरना है जो
भव सागर यार
कर भ्रष्टाचार
5.
क्यों शरमाए
तेरा ये बांकपन
सबको भाए
6.
राजनीती है
इन दिनों उद्योग
इसको भोग
7.
सोने की कली
मिटटी भरे जग में
किसको मिली
8.
मन-मनका
पूजा के समय ही
कहीं अटका
9.
घट-मटका
रास्ता न जाने कोई
पनघट का
10.
ओ मेरे मीत
गा रे हरपल तू
प्रेम के गीत
11.
कल के फूल
मांग रहे हैं भीख
छोड़ स्कूल
12.
कैसे हो न्याय
बछड़े को चाटे जब
खुद ही गाय
13.
जीवन का ये
अरुणाभ कमल
नेत्रों का छल
14.
जीना है तो
नहीं होना निराश
रख विश्वास
15.
बिखरी जब
रचना बनी एक
नवल सृष्टि