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बोलिये सुरीली बोलियाँ / गुलज़ार

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बोलिये सुरीली बोलियाँ
खट्टी मीठी आँखों की रसीली बोलियाँ

रात में घोले चाँद की मिश्री
दिन के ग़म नमकीन लगते हैं
नमकीन आँखों की नशिली बोलियाँ

गूंज रहे हैं डूबते साये
शाम की खुशबू हाथ ना आये
गूंजती आँखों की नशिली बोलियाँ