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कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

माथे बन्नी के बेंदी सोहे -२,
अँखियन में झलक दिखाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

कानों बन्नी के कुण्डल सोहे -२
होंठों पे झलक दिखाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

हाथ बन्नी के कंगन सोहे -२
मेंहदी में झलक दिखाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...

कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...