अर्थ के अथाह जंगल में
बिखरे हैं कांटे
फैला है-
ढेर-सा दल-दल।
शब्दों का एक दल
परिचित है शायद
कुछ शब्द बुलाते हैं-
मुझे बार बार।
जब तक है यह आमंत्रण
इसी धरती पर रहूंगा मैं।
अर्थ के अथाह जंगल में
बिखरे हैं कांटे
फैला है-
ढेर-सा दल-दल।
शब्दों का एक दल
परिचित है शायद
कुछ शब्द बुलाते हैं-
मुझे बार बार।
जब तक है यह आमंत्रण
इसी धरती पर रहूंगा मैं।