Last modified on 16 मई 2013, at 06:41

स्मृति-2 / नीरज दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:41, 16 मई 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीरज दइया |संग्रह=उचटी हुई नींद / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

स्मृति में है तुम्हारी-
मेरी पसंद, नापसंद
इससे भी अधिक
वहां है शायद प्यार
उसी के रहते
यह गीत भीग गया है
जो गा रही हो तुम....

तुम गा रही हो
मेरी पसंद,
मैं सुन रहा हूं-
तुम्हारी पसंद!