‘राधाविरह’ (महाकाव्य) पर साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्राप्त मैथिलीक प्रशस्त कवि आ मैथिलिक प्रचार-प्रसारक समर्पित कार्यकर्ता ‘झंकार’ कवितासं क्रान्ति गीतक आह्वान कएलनि। प्रकृति प्रेमक विलक्षण कवि। ‘घसल अठन्नी’ कविताक लेल कथ्य आ शिल्प-संवेदना-दुहू स्तर पर चरम लोकप्रियता भेटलनि।