किऐ टूटल जननि ! धैर्यक सेतु ?
कानि रहलहुँ अछि, अरे ! की हेतु ?
अहा ! जागल आइ कटु-स्मृति कोन ?
जाहिसँ भए गेल व्याकुल मोन ?
विश्वभरिमे विदित नाम अहाँक !
कान्तियो नयनाभिराम अहाँक !
केहन उज्जवल मा ! अहाँक अतीत
भेलहुँ अछि पुनि कोन भयसँ भीत ?
जलधि-वसने ! हिम-किरीटिनी देवि !
तव चरण-पंकज युगलकें सेवि,
लोक कहबै अछि अरे ! तिहुँ लोक !
अहींकें चिन्ता, अहीकें शोक !!
कहू जननी किऐ नोर बहैछ
छाड़ि रहलहुँ अछि किऐ निःश्वास ?
कोन आकस्मिक विषादक हेतु
भए रहल अछि मूँह एहन उदास ?