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प्रणयगान / पाब्लो नेरूदा

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मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है ही मेरा गान है

और यहीं से मेरी बेवक़ूफ़ी की शुरूआत होती है ।


मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरे फेफड़े

मुझे तुम से प्यार है,

मुझे तुम से प्यार है मेरी जंगली अंगूर-बेल,

और प्यार यदि शराब जैसा हो

तुम्हीं मेरी लत हो,

हाथों से पैरों तक :

तुम परलोक का जाम हो

और नियति की मेरी सुराही ।


मुझे तुम से प्यार है आगे को मुख़ातिब

मुझे तुमसे प्यार है पीछे को मुड़ता

और मेरे पास वह सुर या लय नहीं है

कि तुम मेरा गान गा सको--

कभी न ख़त्म होने वाला मेरा गान ।


मेरे साज़ के गले से जो गाता है सुर-संगति से परे

साज़ ऎलान करता है

मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरी 'डबल बास'

मेरी प्रियतमे, निगूढ़ और निर्मल

मेरा दिल, मेरी बत्तीसी

मेरी रौशनी, मेरी चम्मच

मेरे फीके अठवारे की लुनाई

खिड़की के शफ़्फ़ाक शीशे से झाँकते मेरे चांद !