Last modified on 31 दिसम्बर 2007, at 01:54

रिक्शेवाला / अशोक चक्रधर

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:54, 31 दिसम्बर 2007 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आवाज़ देकर
रिक्शेवाले को बुलाया
वो कुछ
लंगड़ाता हुआ आया।

मैंने पूछा—
यार, पहले ये तो बताओगे,
पैर में चोट है कैसे चलाओगे ?

रिक्शेवाला कहता है—
बाबू जी,
रिक्शा पैर से नहीं
पेट से चलता है।