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टोकीजोड्या हाथ / राजूराम बिजारणियां

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देख पावणा
चौकी आवतां

ताण मोद में सिर
टोकीजोड्या दोनूं हाथ।

लगा सुसरै जी रै धोक
देंवतो फेरी
बटाऊ भतूळियो

करणै सारू सिलाम
ढळग्यो
लुळतो पड़ाल कानीं।