हुग्या सागै
दिखाणै वास्तै
रात नै गेलो
अणगिणत तारा,
पण मजल रै बारै में
सगलां रा मता
न्यारा न्यारा,
पजग्यो गतागम में
बापड़ो अंधेरो
सोच‘र आप रो
चनरमा
उतरग्यो मूंडो
भाज छूटया
चोदू रा भीड़ी
देख‘र हूंती
सूरज री उगाली !
हुग्या सागै
दिखाणै वास्तै
रात नै गेलो
अणगिणत तारा,
पण मजल रै बारै में
सगलां रा मता
न्यारा न्यारा,
पजग्यो गतागम में
बापड़ो अंधेरो
सोच‘र आप रो
चनरमा
उतरग्यो मूंडो
भाज छूटया
चोदू रा भीड़ी
देख‘र हूंती
सूरज री उगाली !