Last modified on 18 अक्टूबर 2013, at 09:27

हथेळी में चांद / मोनिका गौड़

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:27, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोनिका गौड़ |संग्रह= }} [[Category:मूल राज...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रात री
हथेळी पर मेल्यो
एक चांद
कीं तारा
कै
बाद में गिण’र धर लेसूं
अंतस रै खूंजै मांय
रीसाणो सूरज
होयो लाल-तातो
खोस्यो चांद
गुड़ाया तारा,
बस
दो इज रैयग्या
आंख रै खूंजै मांय
आंसू होय’र।