मिल ज्यासी
घणांई
हिन्दू‘र मुसळमान
बौद्ध‘र किरस्तान
पण सोधणो पड़सी
इण जाड़ी भीड़ रै जंगळ में
निखालिस आदमी !
कोनी छापा‘र तिलक
डाढ़ी‘र चोटी
बीं री पिछाण
कोनी ळाधै बो
मंदिर‘र मसजिद
मठ‘र गिरजाघर में
बो तो है
थारै मांय ही लुक्योड़ो
आसी बारै
बीं खिण
जद तू उतार‘र मुखौटो
देखसी सगळा मिनखां में
बाप‘र भाई
हरेक लुगाई में
बेटी‘र माई !