Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 15:46

आतिश-दान / सारा शगुफ़्ता

सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:46, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सारा शगुफ़्ता }} {{KKCatNazm}} <poem> आतिश-दानो...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आतिश-दानों से
अपने दहकते हुए सीने निकाल लो
वर्ना आख़िर दिन
आग और लकड़ी ओ अशरफ़-उल-मख़्लूक़
बना दिया जाएगा