Last modified on 24 अक्टूबर 2013, at 07:35

दिल ले के यार मेरा आखिर दगा न करना / महेन्द्र मिश्र

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:35, 24 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दिल ले के यार मेरा आखिर दगा न करना।
रखन दिलों के अंदर हरगिज जुदा न करना।

नाजों से दिल को पाले तुम को किया हवाले
जैसी तेर रजा हो हुज्जत कभी न करना।

दिल शीश ए हमारा नाजुक करम समझना।
पत्थर से ना लड़ाना कुछ बेवफा ना करना।

दिल दे दिया है तुमको चाहे बिगाड़ डालो
छोड़ो सभी बहाना एक दिन है यार मरना।

मिल जा महेन्द्र प्यारे अरमाँ मिटे हमारे,
रखना तू यादगारी बर्बादे-दिल न करना।