Last modified on 26 अक्टूबर 2013, at 11:38

ईद - 2 / हरकीरत हकीर

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:38, 26 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरकीरत हकीर }} {{KKCatNazm}} <poem>जब मुहब्बत क...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जब मुहब्बत का
चाँद चढ़ा
कई सारी नज्में
कागचों पर उतर आईं
उसके ख्यालों की भी
और मेरे ख्यालों की भी
ईद हो गई …।