Last modified on 26 अक्टूबर 2013, at 11:42

नज़्म / हरकीरत हकीर

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:42, 26 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरकीरत हकीर }} {{KKCatNazm}} <poem>पता है मैं ख...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पता है
मैं ख़त नहीं हूँ
ख़त होती तो कोई पढता
कोई सहेज कर रखता …
मैं तो नज़्म हूँ
जिसे हर कोई पढता तो है
पर कोई सहेजता नहीं ….