यह सच है कि
आदमी की तरह उसकी आँखे नहीं होती
पर इसका मतलब यह तो नहीं कि
पेड़ अन्धे होते हैं, कुछ देख नहीं सकते
सुन नहीं सकते, बोल नहीं सकते
हँस-गा नहीं सकते, रो नहीं सकते पेड़ ?
अगर तुम ऐसा मानते हो
तो क्षमा करना
पेड़ों का मानना है कि तुम आदमी नहीं हो !