रात
ख़ुद से कर रही है बात ।
शब्दों की बिसात पर
ख़ुद को ही शह ख़ुद से ही मात ।
कौन है
जो नींद को जगाए हुए है ?
कौन है
जो आधी रात को कह रहा है शुभ प्रभात !
रात
ख़ुद से कर रही है बात ।
शब्दों की बिसात पर
ख़ुद को ही शह ख़ुद से ही मात ।
कौन है
जो नींद को जगाए हुए है ?
कौन है
जो आधी रात को कह रहा है शुभ प्रभात !