आ’र
बैठग्यो
दिखाणै तांई
अमणायत
मन मैलो अंधेरो
दिवलै रै तळै
पण ओ नुगरो
निज नै छळै
जे ईयां बंध्यां
बगळै
सभाव बदळै
तो क्यां ताई बाती
तिल तिल बळै !
आ’र
बैठग्यो
दिखाणै तांई
अमणायत
मन मैलो अंधेरो
दिवलै रै तळै
पण ओ नुगरो
निज नै छळै
जे ईयां बंध्यां
बगळै
सभाव बदळै
तो क्यां ताई बाती
तिल तिल बळै !