रेत आंधी बन
छा जाती है आसमान में
किसी अमूर्त्त चित्र
या
मनोवैज्ञानिक पहेली-सी
अर्थ तुम्हारे, भाव तुम्हारे
अनुभव तुम्हारे, छाप तुम्हारी
समझ लो जो जी चाहे
आरोपित कर दो जो जी चाहे।
रेत आंधी बन
छा जाती है आसमान में
किसी अमूर्त्त चित्र
या
मनोवैज्ञानिक पहेली-सी
अर्थ तुम्हारे, भाव तुम्हारे
अनुभव तुम्हारे, छाप तुम्हारी
समझ लो जो जी चाहे
आरोपित कर दो जो जी चाहे।