टीले की चोटी से
लूढ़कने के उपक्रम में
लगता है
साथ ही लूढ़क रहा है टीला
किंतु टीला कभी नहीं लुढ़कता
अपनी ऊंचाई से
ऊंचाई से लुढ़कता है
आदमी ही।
टीले की चोटी से
लूढ़कने के उपक्रम में
लगता है
साथ ही लूढ़क रहा है टीला
किंतु टीला कभी नहीं लुढ़कता
अपनी ऊंचाई से
ऊंचाई से लुढ़कता है
आदमी ही।