प्रेम
एक नन्ही गिलहरी है
जो बरगद की त्वचा पर
उछलती-फुदकती
बनाती रहती है
अनन्त अल्पनाएँ
और
पास जाते ही
भागकर छिप जाती है
ऊँचे अनदेखे
अनजाने कोटरों में ।
प्रेम
एक नन्ही गिलहरी है
जो बरगद की त्वचा पर
उछलती-फुदकती
बनाती रहती है
अनन्त अल्पनाएँ
और
पास जाते ही
भागकर छिप जाती है
ऊँचे अनदेखे
अनजाने कोटरों में ।