Last modified on 21 नवम्बर 2007, at 01:07

बाघ / वरवर राव

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:07, 21 नवम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=वरवर राव |संग्रह=साहस गाथा / वरवर राव }} [[Category:तेलुगु भा...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: वरवर राव  » संग्रह: साहस गाथा
»  बाघ

नेहरू चिड़ियाघर में

कल

चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी चुनने गया

पुरानी बस्ती का ग़रीब मुस्लिम लड़का

दीवार पर चढ़ा जब

फिसल कर गिर गया अन्दर की तरफ़


मार दिया

पिंजरे में बाघ ने उसे


आज

सखाओं के साथ आनन्दपूर्वक खेलने वाली

'सखी' को बेहोश कर

उसकी खाल उतार कर और नाख़ून उखाड़ कर

ख़ून को निचोड़ कर

फेंक दिया उसका प्रेत-कलेवर

ग्लोबल-बाघ ने ।