Last modified on 8 फ़रवरी 2014, at 16:02

हिम्मत / उमा अर्पिता

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:02, 8 फ़रवरी 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमा अर्पिता |अनुवादक= |संग्रह=धूप ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं--
लगातार नागफनी के
घने जंगल के
बीच-से गुजर रही हूँ
मेरे शरीर पर खिलते हुए
रक्त के सुर्ख फूल
नागफनी के काँटों पर
हँस रहे हैं
आश्चर्य है,
ज्यों-ज्यों
रक्तिम फूलों की खिलखिलाहट
वातावरण में गूँज रही है
नागफनी के जंगल
आप से आप
सिमटते जा रहे हैं!
काँटों से बचकर
चलने से
बेहतर है
नंगे तलुओं से
उन्हें रौंद डालना।