एक आदमी
अपने अंशों के योग से
बड़ा होता है
ठहरिए !
इसे मुझको
ठीक से कहने दीजिए ।
एक ज़िन्दा आदमी
बड़ा होता है
अपने अंशों के योग से
अपन बाक़ी तो
उससे कम ही
ठहरते आए हैं ।
एक आदमी
अपने अंशों के योग से
बड़ा होता है
ठहरिए !
इसे मुझको
ठीक से कहने दीजिए ।
एक ज़िन्दा आदमी
बड़ा होता है
अपने अंशों के योग से
अपन बाक़ी तो
उससे कम ही
ठहरते आए हैं ।