Last modified on 16 मार्च 2014, at 15:08

नाराज़ / हरे प्रकाश उपाध्याय

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:08, 16 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरे प्रकाश उपाध्याय |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ना-राज में राज का निषेध है
फिर भी
आप तो ऐसे नाराज होते हो
जैसे राज की कोई बात हो
क्या आप किसी पर नाराज होते हुए
कभी सोचते हैं
कि आप उस पर राज नहीं कर रहे?

नाराज के आगे कोई ना कर दे
तो नानाराज हो जाता है
क्या आपने कभी इस तरह सोचा है
आपने इस तरह नहीं सोचा है तो...

फिर नाराज के बारे में आपने क्या सोचा है?
मेरा बच्चा नाराज के पहले
हमेशा 'का' जोड़ देता है और हँसता रहता है
देर तक...।