Last modified on 17 मार्च 2014, at 23:12

दम / हरिऔध

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:12, 17 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ |अ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 क्यों लिया यह न सोच पहले ही।

आप तुम बारहा बने यम हो।

हैं खटकते तुम्हें किये अपने।

क्या अटकते इसी लिए दम हो।