Last modified on 2 अप्रैल 2014, at 14:17

हथेली / हरिऔध

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:17, 2 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ |अ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

क्या कहें हम और हम ने आज ही।
आँख से मेहँदी लगाई देख ली।
जब ललाई और लाली के लिए।
तब हथेली की ललाई देख ली।

कर रही हैं लालसायें प्यार की।
क्या लुनाई के लिए अठखेलियाँ।
या किसी दिल के लहू से लाल बन।
हो गई हैं लाल लाल हथेलियाँ