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दोय / नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह’

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थूं कैयो-
म्हैं थारै साथै हूं
अर म्हैं कर लियो भरोसो।
पण म्हनैं कांई ठाह हो उण बगत
ठगी रै सब सूं लूंठै घोसणा-पत्र माथै
दसखत कर रैयो हूं।