Last modified on 10 मई 2014, at 06:54

पांच / नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह’

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:54, 10 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह’ |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थूं कैयो- राम
उण कैयो- रहीम
गया परा दोनूं
पीठ फोर’र आप-आपरै घरां।
 
अबै काल नै होय जावै
कोई लांठी वारदात
तो इचरज ना कर्या
क्यूंकै आपणै बिचाळै
जलमगी है-
एक नवी बात।