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बाजरी-टाबरी / महेन्द्र मील

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हे करतार!
तूं जठै जाड़ देवै
बठै चिणा कोनी देवै
अर जठै चिणा देवै बठै जाड़।
तावड़ै रा धणी
तंू जठै बाजरी देवै
बठै टाबरी कोनी देवै
अर जठै टाबरी देवै बठै बाजरी।
 
आ कोई अजोगती बात कोनी
आं बातां रो मायनो इयां लखावै
कै चूंच नैं तो चुग्गो मिल ई जावैलो
पण जे जाड़ घणा चिणा चाबगी
तो बा टूट जावैली
अर जे घणी टाबरी जामगी
तो बाजरी ई खूट जावैली।