अपने नीचे सड़कों के फुटपाथ बिछौने हैं
कोई खिलौना मांग न बेटे! हम ही खिलौने हैं
- कच्चे-पक्के, टूटे-फूटे
- मन-सा घर का सपना
- सपनों की दुनिया में ही तो
- जीता है सुख अपना
उजड़े हुए चमन में ही तो सपने बोने हैं
- दुख के झूले पर जीवन की
- लम्बी पींग बढ़ाना
- पत्ता-पत्ता नींद से जागे
- ऎसे पेड़ हिलाना
हार न जाना, छाँव-फूल-फल अपने होने हैं