Last modified on 16 मई 2014, at 16:20

कुंज भवन में मंगलचार / परमानंददास

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:20, 16 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परमानंददास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कुंज भवन में मंगलचार ।
नव दुलहन वृषभान नंदिनी, दूल्हे ब्रजराज कुमार ॥१॥
नये नये पुष्पकुंज के तोरण, नव पल्लवी बंदनवार ।
चोरी रची कदंब खंडी में, सघन लता मंडप विस्तार ॥२॥
करत वेद ध्वनि विप्र मधुप गण कोकिला गण गावत अनुसार ।
दीनी भूर दास परमानंद प्रेम भक्ति रतन के हार ॥३॥