Last modified on 17 मई 2014, at 19:36

बगत / देवकरण जोशी

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:36, 17 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=देवकरण जोशी |संग्रह=मंडाण / नीरज द...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बगत रो रथ
नीं रुकै नीं थमै
चालतो रैवै
रुकै बगत री बातां
सालूं-साल
सदियां लग
बण जावै
इतियास रै पानां मांय
एक बानगी
जिकी बांची जावै
आवणवाळी
पीढियां रै बिचाळै
चावै आछी
चावै माड़ी
सुणनी तो पड़ै ई।