प्रतीक्षा
प्रार्थना में लीन है
प्रार्थना
तपस्यारत है
सदिच्छाओं के स्पर्श के लिए
सर्वसुख की देह में बसा है सर्वहित
जैसे वह ही है प्राणतत्व
संपूर्ण ब्रह्माण्ड में।
प्रतीक्षा
प्रार्थना में लीन है
प्रार्थना
तपस्यारत है
सदिच्छाओं के स्पर्श के लिए
सर्वसुख की देह में बसा है सर्वहित
जैसे वह ही है प्राणतत्व
संपूर्ण ब्रह्माण्ड में।